-
मकर संक्रांति के अवसर पर तत्तापानी में श्रद्धालुओं का जमावड़ा
-
गर्म पानी के कुंड में स्नान से चर्म रोगों में राहत की मान्यता
-
ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के साथ खिचड़ी परोसने की परंपरा
Tattapani Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति के पावन अवसर पर हिमाचल प्रदेश के तत्तापानी में हजारों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे। यह स्थान अपनी सल्फर युक्त गर्म पानी की धाराओं के लिए प्रसिद्ध है, जहां स्नान से चर्म रोगों से मुक्ति मिलने की मान्यता है। देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी यहां स्नान किया था और इस स्थान को ऐतिहासिक महत्व प्रदान किया।
तत्तापानी में संक्रांति पर खिचड़ी परोसने की परंपरा 96वीं बार जारी रही। इस बार तीन क्विंटल खिचड़ी श्रद्धालुओं को परोसी गई। वर्ष 2020 में यहां साढ़े चार क्विंटल खिचड़ी परोसकर वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया गया था।
यह स्थान ऋषि जमदग्नि और परशुराम की तपोस्थली के रूप में भी प्रसिद्ध है। मान्यता है कि यहां त्रेता युग से धार्मिक परंपराएं चली आ रही हैं। सतलुज नदी पर बने कौल डैम के बाद भी यहां के गर्म पानी के स्रोतों को संरक्षित किया गया है, जहां श्रद्धालुओं के स्नान के लिए कुंड बनाए गए हैं।
तत्तापानी की ऐतिहासिकता को बढ़ाने के लिए स्थानीय परिवारों ने परंपराएं जीवित रखी हैं। मोहित सूद के परिवार ने इस परंपरा को 95 वर्षों से बनाए रखा है। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खिचड़ी परोसी जाती है।
यहां पहुंचने के लिए शिमला से 56 किमी, मंडी से 120 किमी और करसोग से 45 किमी की दूरी तय करनी होती है। तत्तापानी अपनी धार्मिक और प्राकृतिक विशेषताओं के कारण पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हो रहा है।